अनुस्मारक पत्र को प्रायः किसी सरकारी पत्र का उत्तर प्राप्त होने में देरी होने या कोई आवश्यक मामला अत्यधिक समय से निलंबित होने और उस पर कार्रवाई रुकी होने पर पुनः याद दिलाने के लिए भेजा जाता है। पिछले पत्र के उत्तर प्राप्त न होने के लिए खेद प्रकट किया जाता है ।
हम कह सकते हैं कि जब कोई पत्र ध्यानाकर्षण के लिए भेजा जाता है, तो इस प्रकार के पत्र को 'अनुस्मारक','स्मरण पत्र' या ध्यानाकर्षण पत्र भी कहते हैं।
अनुस्मारक को अंग्रेजी भाषा में रिमाइन्डर ' कहा जाता है ।
अनुस्मारक शासकीय पत्र द्वारा, या द्रुतगामी पत्र, तार, टेलीफोन आदि अनेक माध्यमों से भेजा जा सकता है। इसका आलेख अत्यन्त संक्षिप्त और दो-टूक होता है। इसमें पिछले पत्र का विशद (Clear )सन्दर्भ उल्लेख करना होता है।
इसका आकार अपेक्षाकृत छोटा होता है ।
***अनुस्मारक के उत्तर प्राप्त न होने की स्थिति में पुनः अनुस्मारक भेजा जाता है ।***
नमूना देखें -
( एनसीईआरटी पुस्तकों के अनुसार पत्र के बाईं ओर ही लिखा जाएगा , आप चाहें तो अन्य पुस्तकों के फॉर्मैट को भी देख और अपना सकते हैं ,परीक्षा में अंक नहीं काटे जाते )
अनु. सं. 2345 /21
प्रेषक
अ ब स प्रशासन विभाग
दिल्ली
प्रति (जिसे भेज रहे हैं उसका पता)
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दिनांक
विषय -------
संदर्भ --45 /123 /2021
महोदय ,
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भवदीय
हस्ताक्षर '
सचिव अ ब स प्रशासन विभाग
दिल्ली
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