Tuesday, November 21, 2017

L 17.Bachche Kaam par Ja rahe hain-Explanation with Q Ans

बच्चे काम पर जा रहे हैं '
इस बात को विवरण की तरह लिखने का अर्थ है इसकी व्याख्या करते हुए कारणों को बताते हुए लिखना चाहिए कि बच्चे को काम पर क्यों जाना पड़रहा है ?
और इसे विवरण की तरह लिखा जाना भयानक हो सकता है क्योंकि जब हम इस बात की व्याख्या करेंगे और जानेंगे कि बच्चों की इस स्थिति का ज़िम्मेदार वह सत्ता वर्ग है जिसे जनता चुनकर नेता बनाती है ,वह समाज है जिसमें हम रहते हैं ,वह पूंजीवादी वर्ग है जो इन बच्चों का शोषण करने से कतराता नहीं है.इन कारणों को जानने के बाद यही भय उत्पन्न होगा कि इस तरह इन बच्चों का उद्धार कभी नहीं हो सकेगा क्योंकि जब शासक वर्ग ही इनकी उपेक्षा करेगा तब ये बच्चे इसी स्थिति में रहने को मजबूर होंगे ,साथ ही इनमें कुंठा पनपेगी जो समाज के लिए एक और भयानक बात होगी.
=====================Alpana Verma ===========


==

============= ============Question 1:

कविता की पहली दो पक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।
Answer:

कविता की पहली दो पंक्तियों को पढ़ने से हमारे मन में कुछ गरीब बच्चों की अत्यंत दयनीय स्थिति का चित्र उभरता है। आर्थिक स्थिति के खराब होने के कारण उनका बचपन खो गया है। अपनी तथा अपने परिवार की ज़िम्मेदारियों को उठाते ये दो हाथ निरंतर काम में लगे हुए  हैं। इनकी आँखों में भी  कुछ सपने हैं जिनको  पूरा करने में ये असमर्थ हैं।
Question 2:

कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि ‘काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?
Answer:

बच्चों की दुर्दशा के ज़िम्मेदार समाज के ही  लोग हैं। समाज को जागरुक करने तथा इस समस्या के समाधान के लिए प्रयत्न करने पर विवश करने के लिए समाज के सामने  इन प्रश्नों को पूछना उचित एवं न्यायोचित है।जब तक प्रश्न नहीं किया जाएगा तब तक लोगों का इस समस्या की ओर ध्यान नहीं जाएगा और कोई समाधान भी नहीं मिलेगा।
Question 3:

सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं?
Answer:

सुविधा तथा मनोरंजन के उपकरणों से वंचित होने का एक मात्र कारण समाज में व्याप्त आर्थिक स्तर का वर्ग -भेद है। निम्नश्रेणी के बच्चों की आर्थिक स्थिति खराब है। अपने परिवार का पालन -पोषण करने के लिए वे कमाने  का ज़रिया मात्र बनकर रह गए हैं। जहाँ जीविका के लिए आर्थिक तंगी हो वहाँ मनोरंजन के साधन तथा जीवन के अन्य सुख-सुविधाओं की कल्पना करना भी असंभव जान पड़ता है।
Question 4:

दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं?
Answer:

ये बच्चे समाज में उपेक्षित हैं इसका एक कारण यह है कि आज का मनुष्य इतना आत्मकेन्द्रित हो चुका है कि उसके आस-पास  की घटना की खबर भी उसे कभी-कभी ही लगती है। मनुष्य अपनी परेशानियों को सुलझाने में इतना व्यस्त है कि किसी और की  परेशानी की तरफ़ देखने तक की फुर्सत नहीं है। दूसरा कारण यह कि लोगों को कम कीमत में अच्छे श्रमिक मिल जाते हैं। इसलिए इसके विरुद्ध कदम उठाकर वे स्वयं को इस सुख से वंचित नहीं करना चाहते हैं।
Question 5:

आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है?
Answer:शहर में अक्सर बच्चे –

  •  शहरों में बने छोटे -छोटे कारखानों में चोरी- छुपे काम करते नज़र आते हैं ,
  • दुकानों में काम करते नज़र आते हैं।
  •  होटल-ढ़ाबों में बरतन साफ़ करते नज़र आते हैं।
  • दफ्तरों में चाय देते नज़र आते हैं।
  •  ऑटो-स्कूटर रिक्शा ,बस में भी काम करते हैं।
  • घरों में भी कभी -कभी  कम उम्र के बच्चे  काम करते देखे गए हैं।

Question 6:

बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है?
Answer:

आज के बच्चे कल का भविष्य हैं। यदि समाज में बच्चों की प्रगति पर अंकुश लगा दिया जाए तो देश का भविष्य अंधकारपूर्ण होगा। हमारा देश एक प्रगतिशील देश है। बच्चे भी इस प्रगति का एक अभिन्न अंग हैं। सभी बच्चे एक समान हैं। उनको बचपन से वंचित करना समाज के लिए अमानवीय कर्म है। इसलिए यह हमारे समाज के लिए अभिशाप है।
Question 7:

काम पर जाते किसी बच्चे के स्थान पर अपने-आप को रखकर देखिए। आपको जो महसूस होता है उसे लिखिए।
Answer:

काम पर जाते बच्चों के स्थान पर यदि हम स्वयं को रखेंगे तो हमें अपनी स्थिति अत्यंत कष्टदायक लगेगी। दूसरे बच्चों को खिलौने से खेलते तथा स्कूल जाते देख हमारे मन में तरह-तरह के प्रश्न उभर आएँगे। हम स्वयं को उनके समक्ष छोटा और हीन महसूस करेंगे।

Question 8:

आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए?
Answer:

हमारे विचार से बच्चों को काम पर नहीं भेजना चाहिए क्योंकि उनके छोटे से मस्तिष्क में इस घटना का दुखद प्रभाव पड़ सकता है, जो धीरे-धीरे बढ़कर विद्रोह का रुप धारण कर सकता है। इसी तरह के बच्चे आर्थिक अभाव तथा सामाजिक असमानता के कारण आगे चलकर आतंकवादी, चोरी जैसे गलत कामों को अंजाम दे सकते हैं। इससे समाज की हानि हो सकती है।

सबसे पहले तो समाज की यह कोशिश होनी चाहिए कि ऐसे बच्चों को अन्य सभी बच्चों की तरह पढ़ने-लिखने तथा समाज के साथ आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए या फिर उनकी मदद करने के लिए सरकार तथा समाज से सहायता की माँग करनी चाहिए।

===========