aapne puchha :
shivendra mishra
Ans: बहुत-सी अनुपस्थित चीजें मेरे लिए उपस्थित ही के समान हैं और उपस्थित अनुपस्थित के।'' इस पंक्ति द्वारा
लेखक यह बताना चाह रहे हैं कि उनके लिए दूर और पास की परिभाषा या अर्थ जो सामान्यतः समझा जाता है ,उससे अलग था .
कई चीज़ें उनके आसपास physically नहीं होतीं थीं लेकिन वे उनके बारे में सोचते रहते थे या अपने मन में वे बसी रहती थीं .. ....इस तरह वे चीज़ें पास न होते हुए भी उनके पास होती थीं.जैसे बच्चन जी उनके पास कभी रहे नहीं लेकिन उनकी कविताएँ/रचनाओं के साथ को उन्होंने बच्चन जी का ही साथ समझा..इसलिए भी उन्होंने कहा कि वे बच्चन जी के बहुत करीब रहे ..दूसरा ......वे किसी के नज़दीक होने के लिए चिट्ठी-पत्र आदि की औपचारिकताओं में विश्वास नहीं करते थे.