जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का बोध होता है उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं।
[Adverb is a word that either modifies the meaning of an adjective ]
जैसे -
वह धीरे-धीरे बोलता है।
इस वाक्य में 'बोलता ' क्रिया है और 'धीरे-धीरे' उसकी विशेषता बता रहा है।
अतः 'धीरे-धीरे' क्रियाविशेषण है।
क्रियाविशेषण का वर्गीकरण तीन आधारों पर किया गया है :-
(1) प्रयोग के आधार पर
(2) रूप के आधार पर
(3) अर्थ के आधार पर
अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण के चार भेद होते हैं:
- कालवाचक क्रियाविशेषण- :- जिन अविकारी शब्दों से क्रिया के व्यापार के समय का पता चलता है उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।अथार्त जिन शब्दों से क्रिया के घटित होने के समय का पता चले उसे कालवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
जैसे :- आज , कल , परसों , पहले , पीछे , अब तक , अभी-अभी , लगातार , बार-बार , प्रतिदिन , अक्सर , बाद में , जब , तब , अभी , आज , कभी , नित्य , सदा , तुरंत , आजकल , कई बार , हर बार आदि। - रीतिवाचक क्रियाविशेषण-जिन अविकारी शब्दों से क्रिया की रीति या विधि का पता चलता है उसे रीतिवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
जैसे :- सचमुच , ठीक , अवश्य , कदाचित , यथासंभव , ऐसे , वैसे , सहसा , तेज , सच ,अत: , इसलिए , क्योंकि , नहीं , मत , कदापि , तो , हो , मात्र , भर , गलत , सच , झूठ , धीरे , सहसा , ध्यानपूर्वक , हंसते हुए , तेजी से , फटाफट , धडाम से , आदि। ..................................................................................................(रीतिवाचक क्रियाविशेषण के प्रकार :-
(1) निश्चयवाचक क्रियाविशेषण :-
जैसे :- अवश्य , बेशक , सचमुच , वस्तुतः , निसंदेह , सही , जरुर , अलबत्ता , यथार्थ में , दरअसल आदि।
(2) अनिश्चयवाचक क्रियाविशेषण :-
जैसे :- शायद , कदाचित , संभवतः , अक्सर , बहुतकर , यथासंभव आदि।
(3) कारणात्मक क्रियाविशेषण :-
जैसे :- क्योंकि , अत: , अतएव , इसलिए , चूँकि , किसलिए , क्यों , काहे को आदि।
(4) आक्स्मिकतात्म्क क्रियाविशेषण :-
जैसे :- सहसा , अकस्मात , अचानक , एकाएक आदि।
(5) स्वीकारात्मक क्रियाविशेषण :-
जैसे :- हाँ , सच , ठीक , बिलकुल , जी , अच्छा आदि।
(6) निषेधात्मक क्रियाविशेषण :-
जैसे :- न , मत , नहीं आदि।
(7) आवृत्यात्मक क्रियाविशेषण :-
जैसे :- गटागट , धडाधड आदि।
(8) अवधारक क्रियाविशेषण :-
जैसे :- ही , तो , भर , तक , भी , मात्र , सा आदि।
(9) निष्कर्ष क्रियाविशेषण :-
जैसे :- अत: , इसलिए आदि।) - स्थानवाचक क्रियाविशेषण:- जिन अविकारी शब्दों से क्रिया के व्यापार के स्थान का पता चले उसे स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। वे शब्द जो क्रिया के घटित होने के स्थान का बोध कराते हैं उन्हें स्थानवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं।
जैसे :- यहाँ , वहाँ , कहाँ , जहाँ , तहाँ , सामने , नीचे , ऊपर , आगे , भीतर , बाहर , दूर , पास , अंदर , किधर , इस ओर , उस ओर , इधर , उधर , जिधर , दाएँ , बाएँ , दाहिने आदि। - परिमाणवाचक क्रियाविशेषण- :-जिन अविकारी शब्दों से क्रिया के परिमाण और उसकी संख्या का पता चलता है उसे परिमाणवाचक क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे - बहुत , अधिक , पूर्णतया , सर्वथा , कुछ , थोडा , काफी , केवल , यथेष्ट , इतना , उतना , कितना , थोडा-थोडा , तिल-तिल , एक-एक करके , पर्याप्त , जरा , खूब , बिलकुल , बहुत , थोडा , ज्यादा , अल्प , केवल , तनिक , बड़ा , भारी , अत्यंत , लगभग , क्रमशः , सर्वथा , अतिशय , निपट , टुक , किंचित् , बराबर , अस्तु , यथाक्रम आदि।