Monday, November 9, 2020

हिंदी के राष्ट्रकवि कितने और कौन हैं

 राष्ट्रकवि कौन होता है ? राष्ट्रकवि वह होता है जिसके काव्य में राष्ट्र का चिंतन अथवा राष्ट्रीय चेतना का स्वर मुखर होता है और यह उद्देश्य वह महाकाव्य अथवा खण्डकाव्य के माध्यम से पूरा करता है।
राष्ट्रकवि की मान्यता साहित्य जगत द्वारा दी जाती है। (संवैधानिक रूप से नहीं )

आधिकारिक रूप से ‘राष्ट्रकवि’ नामक कोई पदवी /पदक/सम्मान हमारे देश में नही हैं । ।

कुछ असाधारण कवियों, जैसे कि, श्री मैथिलीशरण गुप्त एवं श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को उनकी रचनाओं एवं उनके योगदान के लिए ‘राष्ट्रकवि’ का दर्जा दिया गया है। 

 हिंदी में दो राष्ट्रकवि माने गए हैं- 

एक मैथिलीशरण गुप्त जी , 

और दूसरे रामधारी सिंह 'दिनकर' जी !

 

1) रामधारी सिंह दिनकर-
बिहार में जन्मे
 काव्य कृतियाँ : कुरुक्षेत्र, परशुराम की प्रतीक्षा, रश्मिरथी
अपनी रचनाओं के  द्वारा राष्ट्रीय चेतना का संचार किया।


प्रथम राष्ट्र कवि का  सम्मान  मैथिलीशरण गुप्त जी को मिला.कहा जाता है  गांधी जी ने उन्हें यह सम्मान दिया !


Maithili Sharan Gupt 1974 stamp of India.jpg2) मैथलीशरण गुप्त-
 उत्तर प्रदेश में जन्म .
 भारत-भारती नामक काव्य कृति तथा अन्य । 


हिंदी साहित्य जगत में तीसरे राष्ट्रकवि का स्थान रिक्त है।

सुधिजन, निराला जी और अटल बिहारी बाजपाई जी को भी राष्ट्रकवि का दर्ज़ा देने की बात कहते हैं ।

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