श्रुतिसमभिन्नार्थक अर्थात सुनने में समान; परन्तु भिन्न अर्थवाले।
'श्रुतिसम' का अर्थ है 'सुनने में एक समान' और 'भिन्नार्थक' का अर्थ है 'अर्थ में भिन्नता' ।
इन्हें श्रुति समत भिन्नार्थक शब्द,श्रुतिसमोच्चारित भिन्नार्थक शब्द ,समरूप भिन्नार्थक शब्द, समरूपी भिन्नार्थक और इंग्लिश में Homonyms Wordsभी कहा जाता है ।
परिभाषा :
श्रुतिसमभिन्नार्थक वे शब्द होते हैं जो अर्थ में भिन्न होने पर भी उच्चारण की दृष्टि से समान होने का भ्रम पैदा करते हैं।
सरल शब्दों में 'श्रुतिसमभिन्नार्थक वे शब्द होते हैं जो (सही उच्चारण न होने ) के कारण सुनने में एक जैसे लगते हैं पर उनकी वर्तनी अलग होती है और अर्थ भी अलग होता है। '
उदाहरण
- अवधि -समय , अवधी -अवध की भाषा
- दिशा -तरफ , दशा -हालत
- गिरि -पर्वत , गिरी -गिरना
- परिणाम -नतीजा , परिमाण -मात्रा
- और -तथा , ओर -तरफ
- अनल -आग , अनिल -वायु
- अवलंब -सहारा अविलंब - शीघ्र / बिना देर किए