अग्निपथ ! अग्निपथ ! अग्निपथ !
वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने, हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी माँग मत, माँग मत, माँग मत!
अग्निपथ ! अग्निपथ ! अग्निपथ !
तू न थकेगा कभी!
तू न थमेगा कभी!
तू न मुड़ेगा कभी! कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!
अग्निपथ ! अग्निपथ ! अग्निपथ !
यह महान दृश्य है
चल रहा मनुष्य है
अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ
अग्निपथ ! अग्निपथ ! अग्निपथ !
===========================
संदेश =
जीवन संघर्ष का ही नाम है। मनुष्य को इस संघर्ष से घबराकर कभी थमना नहीं चाहिए, आगे बढ़ते रहना चाहिए।
वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने, हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी माँग मत, माँग मत, माँग मत!
अग्निपथ ! अग्निपथ ! अग्निपथ !
तू न थकेगा कभी!
तू न थमेगा कभी!
तू न मुड़ेगा कभी! कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!
अग्निपथ ! अग्निपथ ! अग्निपथ !
यह महान दृश्य है
चल रहा मनुष्य है
अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, लथपथ
अग्निपथ ! अग्निपथ ! अग्निपथ !
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संदेश =
जीवन संघर्ष का ही नाम है। मनुष्य को इस संघर्ष से घबराकर कभी थमना नहीं चाहिए, आगे बढ़ते रहना चाहिए।