Sunday, March 22, 2020

खुशबू रचते हैं हाथ- Khusbu Rachte Hai Haath/Arun Kamal

खुशबू रचते हैं हाथ- Khusbu Rachte Hai Haath
कई गलियों के बीच

कई नालों के पार

कूड़े-करकट

के ढ़ेरों के बाद

बदबू से फटते जाते इस

टोले के अंदर

खुशबू रचते हैं हाथ

खुशबू रचते हैं हाथ।



उभरी नसोंवाले हाथ

घिसे नाखूनोंवाले हाथ

पीपल के पत्ते-से नए-नए हाथ

जूही की डाल-से खुशबूदार हाथ

गंदे कटे-पिटे हाथ

ज़ख्म से फटे हुए हाथ

खुशबू रचते हैं हाथ

खुशबू रचते हैं हाथ।



यहीं इस गली में बनती हैं

मुल्क की मशहूर अगरबत्तियाँ

इन्हीं गंदे मुहल्लों के गंदे लोग

बनाते हैं केवड़ा गुलाब खस और रातरानी

अगरबत्तियाँ

दुनिया की सारी गंदगी के बीच

दुनिया की सारी खुशबू

रचते रहते हैं हाथ



खुशबू रचते हैं हाथ

खुशबू रचते हैं हाथ।
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