उज्जवल ने पूछा : -लेखक ने आस-पास गाँवों में गंडे ना बाँटने के लिए सुमति को पैसे क्यों दिए?
Answer:- listen it at @23:24 लेखक ने गंडे ना बाँटने के लिए सुमति को पैसे दिए क्योंकि वे उसे आस-पास के गाँवों में उसके यजमानों के पास जाने से रोकना चाहते थे .अगर वह अपने यजमानों के पास जाता तो उसे काफी समय लग सकता था और लेखक को एक सप्ताह तक उसकी प्रतीक्षा करनी पड़ती .
अजय ,मेरे प्रयासों को सराहने हेतु धन्यवाद .आपने ध्यान से अगर विडियो देखी -सुनी है तब आपको उत्तर मिल जाता क्योंकि विडियो के शुरू में यह बात बताई गयी है जो आपने पूछी है. विडियो को @1:02 पर सुनें.
आपका प्रश्न है :लेखक को भिखमंगे के वेश में यात्रा क्यों करनी पड़ी?
उत्तर :लेखक ने जब पहली बार तिब्बत की यात्रा की तब ब्रिटिश भारत में भारतीयों को तिब्बत जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी। भिखमंगे पर कोई संदेह भी नहीं करता इसलिए लेखक को भीखमंगे के वेश में अपनी पहचान छुपाकर जाना पड़ा था ।
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पाठ को सुनते हुए नोट्स बनाएँ,फिर कभी पाठ को भूलेंगे नहीं .
Kshitij Bhag 1 {NCERT} Lesson 2 -Easy explanation
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प्रश्न-उत्तर
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1: थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव में पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका क्यों?
उत्तर: तिब्बत के लोग किसी भी अजनबी का स्वागत मुक्त भाव और खुले दिल से करते हैं। लेकिन बहुत कुछ लोगों की उस वक्त की मन:स्थिति पर निर्भर करता है। शाम के वक्त अधिकतर लोग छङ का नशा करते हैं उसके में धुत्त रहते हैं , उस समय उनका व्यवहार बदल सकता है। इसलिए पहली बार तो लेखक को ठहरने के लिए सही जगह मिल गई। लेकिन दूसरी बार शाम हो जाने के कारण उन्हें ठहरने के लिए सही जगह नहीं मिल पाई।
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2: उस समय तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?
उत्तर: उस समय तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण, वहाँ के लोग बंदूक और पिस्तौल ऐसे रखते थे जैसे कि लोग 'लाठी' रखते हैं। ऐसे में किसी भी ओर से जानलेवा हमले का खतरा बना रहता था।
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3: लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया?
उत्तर: लेखक गलत मोड़ की तरफ मुड़ गया था, जिसके कारण वह रास्ता भटक गया था। दोबारा से सही रास्ते पर आने में उसे कुछ समय लगा इसलिए वह अपने साथियों से पिछड़ गया था।
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4: लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परंतु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?
उत्तर: लेखक को डर था कि सुमति अपने यजमानों से मिलने के चक्कर में दो -चार दिन उधर ही न बरबाद कर दे। ऐसे में बिना कारण ही यात्रा में देर हो जाती, इसलिए लेखक ने पहली बार सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका।
दूसरी बार लेखक को कुछ ऐसी पुस्तकें मिल गईं जिन्हें पढ़ने में वह डूब गया। वह उन्हें पढने के लिए स्वयं भी समय चाहता था इसलिए उसने इस बार सुमति को मना नहीं किया।
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5: अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उत्तर: अपनी यात्रा के दौरान लेखक को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एक बार उन्हें ठहरने के लिए सही जगह नहीं मिली। फिर भारी सामान पीठ पर लादकर पहाड़ी चढ़ाई पर चढ़ने में तकलीफ हुई। ठंड भी बहुत अधिक थी जिसकी लेखक को आदत नहीं थी इसलिए सर्दी के कारण उसका बुरा हाल हो गया था । एक अन्य बार लेखक रास्ता ही भटक गया जिसके कारण वह अपने साथियों से पिछे रह गया।
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6: प्रस्तुत यात्रा-वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?
उत्तर: उस समय का तिब्बती समाज बड़ा ही सरल और मिलनसार था। वहाँ के सीधे -सादे लोग अजनबियों का भी स्वागत खुले दिल से करते थे। परन्तु पर्याप्त पुलिस आदि से सुरक्षा के अभाव में डाकुओं द्वारा या अन्य लोगों द्वारा किसी की हत्या करना आम बात थी।
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7: ‘मैं अब पुस्तकों के भीतर था।‘
नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है:
लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
लेखक पुस्तकों की शेल्फ के भीतर चला गया।
लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं।
पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था।
उत्तर: (१) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
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8: सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गाँव में मिले। इस आधार पर आप सुमति के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का चित्रण कर सकते हैं?
उत्तर: सुमति के व्यक्तित्व की विशेषताएँ -:
9: ‘हालाँकि उस वक्त मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी खयाल करना चाहिए था।‘ उक्त कथन के अनुसार हमारे आचार-व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। आपकी समझ से यह उचित है अथवा अनुचित, विचार व्यक्त करें।
उत्तर: अक्सर किसी के प्रति हमारा व्यवहार उस व्यक्ति की वेशभूषा पर निर्भर करता है। अगर कोई व्यक्ति साफ -सुथरे और महंगे कपड़ों में होता है तो हम उसे अत्यधिक सम्मान देते हैं और उससे बात करना पसंद करते हैं । लेकिन यदि कोई व्यक्ति मैले -कुचैले,फाटे-पुराने गंदे कपड़े पहने होता है तो हम उसकी अवमानना कर देते हैं। सच तो यह है कि ऐसा व्यवहार किसी के द्वारा भी उचित नहीं है, क्योंकि हम केवल कपडे देखकर किसी के स्वभाव या व्यक्तित्व का अनुमान नहीं लगा सकते हैं ।
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Answer:- listen it at @23:24 लेखक ने गंडे ना बाँटने के लिए सुमति को पैसे दिए क्योंकि वे उसे आस-पास के गाँवों में उसके यजमानों के पास जाने से रोकना चाहते थे .अगर वह अपने यजमानों के पास जाता तो उसे काफी समय लग सकता था और लेखक को एक सप्ताह तक उसकी प्रतीक्षा करनी पड़ती .
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Ajay Sinha3 hours ago (edited)
अजय ,मेरे प्रयासों को सराहने हेतु धन्यवाद .आपने ध्यान से अगर विडियो देखी -सुनी है तब आपको उत्तर मिल जाता क्योंकि विडियो के शुरू में यह बात बताई गयी है जो आपने पूछी है. विडियो को @1:02 पर सुनें.
आपका प्रश्न है :लेखक को भिखमंगे के वेश में यात्रा क्यों करनी पड़ी?
उत्तर :लेखक ने जब पहली बार तिब्बत की यात्रा की तब ब्रिटिश भारत में भारतीयों को तिब्बत जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी। भिखमंगे पर कोई संदेह भी नहीं करता इसलिए लेखक को भीखमंगे के वेश में अपनी पहचान छुपाकर जाना पड़ा था ।
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पाठ को सुनते हुए नोट्स बनाएँ,फिर कभी पाठ को भूलेंगे नहीं .
Kshitij Bhag 1 {NCERT} Lesson 2 -Easy explanation
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प्रश्न-उत्तर
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1: थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव में पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका क्यों?
उत्तर: तिब्बत के लोग किसी भी अजनबी का स्वागत मुक्त भाव और खुले दिल से करते हैं। लेकिन बहुत कुछ लोगों की उस वक्त की मन:स्थिति पर निर्भर करता है। शाम के वक्त अधिकतर लोग छङ का नशा करते हैं उसके में धुत्त रहते हैं , उस समय उनका व्यवहार बदल सकता है। इसलिए पहली बार तो लेखक को ठहरने के लिए सही जगह मिल गई। लेकिन दूसरी बार शाम हो जाने के कारण उन्हें ठहरने के लिए सही जगह नहीं मिल पाई।
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2: उस समय तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?
उत्तर: उस समय तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण, वहाँ के लोग बंदूक और पिस्तौल ऐसे रखते थे जैसे कि लोग 'लाठी' रखते हैं। ऐसे में किसी भी ओर से जानलेवा हमले का खतरा बना रहता था।
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3: लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया?
उत्तर: लेखक गलत मोड़ की तरफ मुड़ गया था, जिसके कारण वह रास्ता भटक गया था। दोबारा से सही रास्ते पर आने में उसे कुछ समय लगा इसलिए वह अपने साथियों से पिछड़ गया था।
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4: लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परंतु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?
उत्तर: लेखक को डर था कि सुमति अपने यजमानों से मिलने के चक्कर में दो -चार दिन उधर ही न बरबाद कर दे। ऐसे में बिना कारण ही यात्रा में देर हो जाती, इसलिए लेखक ने पहली बार सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका।
दूसरी बार लेखक को कुछ ऐसी पुस्तकें मिल गईं जिन्हें पढ़ने में वह डूब गया। वह उन्हें पढने के लिए स्वयं भी समय चाहता था इसलिए उसने इस बार सुमति को मना नहीं किया।
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5: अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उत्तर: अपनी यात्रा के दौरान लेखक को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। एक बार उन्हें ठहरने के लिए सही जगह नहीं मिली। फिर भारी सामान पीठ पर लादकर पहाड़ी चढ़ाई पर चढ़ने में तकलीफ हुई। ठंड भी बहुत अधिक थी जिसकी लेखक को आदत नहीं थी इसलिए सर्दी के कारण उसका बुरा हाल हो गया था । एक अन्य बार लेखक रास्ता ही भटक गया जिसके कारण वह अपने साथियों से पिछे रह गया।
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6: प्रस्तुत यात्रा-वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?
उत्तर: उस समय का तिब्बती समाज बड़ा ही सरल और मिलनसार था। वहाँ के सीधे -सादे लोग अजनबियों का भी स्वागत खुले दिल से करते थे। परन्तु पर्याप्त पुलिस आदि से सुरक्षा के अभाव में डाकुओं द्वारा या अन्य लोगों द्वारा किसी की हत्या करना आम बात थी।
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7: ‘मैं अब पुस्तकों के भीतर था।‘
नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है:
लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
लेखक पुस्तकों की शेल्फ के भीतर चला गया।
लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं।
पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था।
उत्तर: (१) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
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8: सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गाँव में मिले। इस आधार पर आप सुमति के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का चित्रण कर सकते हैं?
उत्तर: सुमति के व्यक्तित्व की विशेषताएँ -:
- सुमति एक बौद्ध भिक्षु है और बहुत ही मिलनसार व्यक्ति है।
- वह बहुत लोकप्रिय है और उसके यजमान हर गाँव में हैं।
- उसे जब भी मौका मिलता है अपने यजमानों से जरूर मिलता है।
- वह बहुत मददगार है।
9: ‘हालाँकि उस वक्त मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी खयाल करना चाहिए था।‘ उक्त कथन के अनुसार हमारे आचार-व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। आपकी समझ से यह उचित है अथवा अनुचित, विचार व्यक्त करें।
उत्तर: अक्सर किसी के प्रति हमारा व्यवहार उस व्यक्ति की वेशभूषा पर निर्भर करता है। अगर कोई व्यक्ति साफ -सुथरे और महंगे कपड़ों में होता है तो हम उसे अत्यधिक सम्मान देते हैं और उससे बात करना पसंद करते हैं । लेकिन यदि कोई व्यक्ति मैले -कुचैले,फाटे-पुराने गंदे कपड़े पहने होता है तो हम उसकी अवमानना कर देते हैं। सच तो यह है कि ऐसा व्यवहार किसी के द्वारा भी उचित नहीं है, क्योंकि हम केवल कपडे देखकर किसी के स्वभाव या व्यक्तित्व का अनुमान नहीं लगा सकते हैं ।
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