Wednesday, October 18, 2017

उषा कविता व्याख्या सहित -Poet :Shamsher Bahadur Singh/L 6.Usha- poem

====== कविता का सार- कवि कहता है कि सूर्योदय से पहले आकाश का रंग गहरे नीले रंग का होता है ।वह सफेद शंख-सा दिखाई देता है। उस समय आकाश का रंग ऐसा लगता है मानो किसी गृहिणी ने राख से चौका लीप दिया हो। सूर्य धीरे-धीरे ऊपर उठता है और तब जो लाली फैलती है उसे देखकर ऐसा लगता है जैसे काली सिल को किसी ने धो दिया हो या उस पर लाल खड़िया मिट्टी को मल दिया हो। नीले आकाश में सूर्य ऐसा लगता है मानो नीले जल में किसी गोरी युवती का शरीर झिलमिल कर रहा है। सूर्योदय होते ही किरणें फैलती हैं और उषा का यह जादुई प्रभाव समाप्त हो जाता है। =======================