Friday, June 28, 2019

पदबंध ( Phrase)

 पदबंध ( Phrase)
 
 
शब्द: एक या एक से अधिक वर्णों से बनी स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं ।
पद-  वाक्य में प्रयुक्त शब्द पद कहलाता है।

पदबंध दो शब्दों  का संयोजन है  = पद + बंध।

पदबंध- जब दो या अधिक ' पद' नियत क्रम और निश्चित  अर्थ में किसी पद का कार्य करते हैं तो उन्हें पदबंध कहते हैं।
या

कई पदों के योग से बने वाक्यांश को जो एक ही पद का काम करता है, 'पदबंध' कहलाता है है। 


जैसे-

सबसे अधिक अंक पाने  वाला छात्र आ  गया।


उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित वाक्यांश ' पदबंध' है।
 पहले वाक्य के 'सबसे अधिक अंक पाने  वाला छात्र में 6 पद हैं , किन्तु वे मिलकर एक ही पद अर्थात संज्ञा का कार्य कर रहे हैं।

इस प्रकार रचना की दृष्टि से पदबन्ध में तीन बातें आवश्यक हैं- 

  1. इसमें एक से अधिक पद होते हैं। 
  2.  ये पद इस तरह से सम्बद्ध होते हैं कि उनसे एक इकाई बन जाती है। 
  3. पदबन्ध किसी वाक्य का अंश होता है।

पदबंध के भेद
मुख्य पद के आधार पर पदबंध के पाँच प्रकार होते हैं-
(1) संज्ञा  पदबंध
(2) विशेषण  पदबंध
(3) सर्वनाम पदबंध
(4) क्रिया पदबंध 
(5) क्रिया  विशेषण पदबन्ध या अव्यय  पदबंध 

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(1) संज्ञा पदबंध- जब कोई पदसमूह वाक्य में संज्ञा का कार्य करता है तो उसे संज्ञा पदबंध कहते हैं; जैसे-


  •   घर  के पीछे खड़ा पेड़ गिर गया ।
  •    परिश्रम करने वाला मोहन परीक्षा में उत्तीर्ण होगा ।




(2) विशेषण पदबंध
 जब कोई पदसमूह किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता का बोध कराता है, तो वह विशेषण पदबंध कहलाता है; जैसे-
रीनेश  बहुत नेक, ईमानदार तथा परिश्रमी बालक है ।



(3) सर्वनाम पदबंध
जब कोई पदसमूह वाक्य में सर्वनाम का कार्य करता है, उसे सर्वनाम पदबंध कहते हैं; जैसे-

 कक्षा में शोर मचाने वाले तुम आज क्यों चुप हो ?
शरारत करने वाले छात्रों में से कुछ चुप हो गए।



(4) क्रिया पदबंध 
 जब एक से अधिक क्रिया पद मिलकर एक इकाई के रूप में क्रिया का कार्य संपन्न करते हैं , वे क्रिया पदबंध कहलाते हैं ,जैसे-
बालक  दूध पीकर सो गया



(5) क्रियाविशेषण पदबन्ध या अव्यय  पदबंध  
 
वाक्य में क्रिया-विशेषण के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले एकाधिक पदों के समूह को क्रिया  विशेषण पदबन्ध या अव्यय पदबंध भी कहते हैं। ये पदबंध वाक्य में क्रिया विशेषण या अव्यय का कार्य करते  हैं। 
वह पदबंध जो वाक्य में अव्यय का कार्य करे, अव्यय पदबंध कहलाता है।
इस पदबंध का अंतिम शब्द अव्यय होता है।
 जैसे -

  सुबह से शाम तक वह बैठा रहा।

  वह बहुत देर तक तुम्हारी प्रतीक्षा करता रहा

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