Sunday, June 9, 2019

विराम - चिह्न /Punctuation

विराम -चिह्न 

विराम का अर्थ है – ‘रुकना’ या ‘ठहरना’ ।

लिखित भाषा में इस ठहराव को दिखाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के चिह्न का प्रयोग करते हैं। ये ही  विराम-चिह्न कहलाते हैं ।
इन विराम चिन्हों का प्रयोग वाक्यों के मध्य या अंत में किया जाता है।




हिंदी में प्रचलित प्रमुख विराम चिह्न निम्नलिखित है-

  1.    पूर्ण विराम-चिह्न (Sign of full-stop ) – (।)
  2.     अर्द्ध विराम-चिह्न ( semi-colon) – (;)
  3.     अल्प विराम-चिह्न ( comma) – (,)
  4.     प्रश्नवाचक चिह्न ( interrogation) – (?)
  5.     विस्मयादिबोधक चिह्न (exclamation) – (!)
  6. सम्बोधन चिह्न    (sign of interjection)   (!)
  7.     उद्धरण चिह्न (inverted commas) – (” “) (” “)  (i) इकहरा       ‘…………’    (ii) दुहरा      “…………..”
  8.     निर्देशक या रेखिका चिह्न (Sign of dash) – (—)
  9.     विवरण चिह्न (Sign of colon dash/sign following) – (:-)
  10.     अपूर्ण विराम-चिह्न (Sign of colon) – (:)
  11.     योजक विराम-चिह्न (Sign of hyphen) – (-)
  12.     कोष्ठक (Brackets) – () [] {}
  13.      तुल्यता सूचक/समता सूचक /समानतासूचक चिह्न (Sign of equality) (=)
  14.     संकेत चिह्न /तारक चिह्न/पाद-टिप्पणी चिह्न (Sign of foot note) (*)
  15.    पुनरुक्ति चिह्न (Repeat pointer symbol          ’’
  16.    त्रुटि चिह्न/हंसपद/विस्मरण चिह्न (Oblivion sign) (Sign of error indicator) (^)
  17.    विकल्प चिह्न        /
  18.    इतिश्री/समाप्ति सूचक चिह्न        -0-0--0--
  19.   लाघव चिह्न                0

जब किसी वाक्य अथवा वाक्यांश में कोई शब्द अथवा अक्षर लिखने में छूट जाता है तो छूटे हुए वाक्य के नीचे हंसपद चिह्न (^) का प्रयोग कर छूटे हुए शब्द को ऊपर लिख देते हैं।

इनके अतिरिक्त कुछ अन्य चिह्नों को भी देखें :-

  • दीर्घ उच्चारण चिन्ह (ડ)

जब वाक्य में किसी शब्द/वर्ण  विशेष के उच्चारण में अन्य वर्णों/शब्दों की अपेक्षा अधिक समय लगता है तो वहाँ दीर्घ उच्चारण चिह्न  (ડ) का प्रयोग किया जाता है।
छंद में दीर्घ मात्रा (का, की, कू , के , कै , को , कौ) और लघु मात्रा (क, कि, कु, र्क) को दर्शाने के लिए इस चिह्न  का प्रयोग होता है।



  • लोप चिह्न (Mark of Omission)        (...)


जब वाक्य या अनुच्छेद में कुछ अंश छोड़ कर लिखना हो तो इस चिह्न (…) का प्रयोग किया जाता है।


  • समाप्ति सूचक (-0-, —)



इस चिह्न का उपयोग प्रश्नपत्र / लम्बे लेख / कहानी/ पाठ /पुस्तक के अंत में करते हैं, जो यह बताता  है कि लेख, कहानी, अध्याय /पुस्तक समाप्त हो गयी  है।
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  • पुनरुक्ति सूचक चिह्न („ „)
(the sign of repetition)

पुनरुक्ति सूचक चिह्न  („ „) का प्रयोग ऊपर लिखे किसी वाक्य या वाक्य के अंश को दोबारा लिखने की मेहनत बचाने के लिए करते हैं।

जैसे —

क्र. सं.  नाम                         जमा  शुल्क
1      सीता                                   250 रुपये
2       रीता                                    „ „
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  • पाद बिन्दु (÷),
  • टीका सूचक (*, +, +, 2),
  • तुल्यता सूचक (=)
  • किसी शब्द अथवा गणित के अंकों के मध्य की तुल्यता (समानता या बराबरी आदि) को दर्शाने के लिए तुल्यता सूचक (=) चिह्न का प्रयोग किया जाता है।जैसे —.निशा  = रात्रि 

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विराम चिह्न से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु :-
१.श्री कामता प्रसाद गुरु ने विराम चिह्नों की संख्या 20 मानी है।
२.श्री कामता प्रसाद गुरु पूर्ण विराम (।) को छोड़ कर बाकि सभी विराम -चिह्नों  को अंग्रेजी से लिया हुआ माना है।
३.अल्प विराम चिह्न का प्रयोग सबसे अधिक होता है ।
४.उद्धरण चिह्न का प्रयोग किया जाता है जब किसी कथन को ज्यों का त्यों लिखा जाता है।

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