तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) :
तत्सम–तत् +सम
[अर्थ है ज्यों का त्यों।]
जिन शब्दों को संस्कृत से बिना किसी परिवर्तन के ले लिया जाता है उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। इनमें ध्वनि परिवर्तन नहीं होता है।
जैसे :- अतः ,क्रमशः ,अर्थात ,कक्ष आदि।
तत्सम शब्द के प्रकार –
परम्परागत तत्सम शब्द – जो शब्द संस्कृत साहित्य में उपलब्ध है , जिसका प्रचलन संस्कृत भाषा में है | ऐसे शब्दों को परम्परागत तत्सम शब्द कहते हैं ।
निर्मित तत्सम शब्द – निर्मित तत्सम शब्द उस शब्द को कहते है,जो शब्द संस्कृत साहित्य में नहीं है परंतु संस्कृत शब्दों के समान शब्द निर्मित कर लिये जाते है।
तद्भव शब्द (Tadbhav Shabd) :
'तद्भव' (तत् + भव) शब्द का अर्थ --- 'उससे होना' अर्थात् संस्कृत शब्दों से विकृत होकर (परिवर्तित होकर) बने शब्द।
संस्कृत के जो शब्द प्राकृत, अपभ्रंश, पुरानी हिन्दी आदि से गुजरने के कारण आज परिवर्तित रूप में मिलते हैं, वे तद्भव शब्द कहलाते हैं।
या
समय और परिस्थिति की वजह से तत्सम शब्दों में जो परिवर्तन होने के कारण बने शब्द हैं उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं।
तत्सम पहचानने के सरल संकेत :-
तत्सम–तत् +सम
[अर्थ है ज्यों का त्यों।]
जिन शब्दों को संस्कृत से बिना किसी परिवर्तन के ले लिया जाता है उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। इनमें ध्वनि परिवर्तन नहीं होता है।
जैसे :- अतः ,क्रमशः ,अर्थात ,कक्ष आदि।
तत्सम शब्द के प्रकार –
परम्परागत तत्सम शब्द – जो शब्द संस्कृत साहित्य में उपलब्ध है , जिसका प्रचलन संस्कृत भाषा में है | ऐसे शब्दों को परम्परागत तत्सम शब्द कहते हैं ।
निर्मित तत्सम शब्द – निर्मित तत्सम शब्द उस शब्द को कहते है,जो शब्द संस्कृत साहित्य में नहीं है परंतु संस्कृत शब्दों के समान शब्द निर्मित कर लिये जाते है।
तद्भव शब्द (Tadbhav Shabd) :
'तद्भव' (तत् + भव) शब्द का अर्थ --- 'उससे होना' अर्थात् संस्कृत शब्दों से विकृत होकर (परिवर्तित होकर) बने शब्द।
संस्कृत के जो शब्द प्राकृत, अपभ्रंश, पुरानी हिन्दी आदि से गुजरने के कारण आज परिवर्तित रूप में मिलते हैं, वे तद्भव शब्द कहलाते हैं।
या
समय और परिस्थिति की वजह से तत्सम शब्दों में जो परिवर्तन होने के कारण बने शब्द हैं उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं।
तत्सम पहचानने के सरल संकेत :-
- तत्सम शब्दों के पीछे ‘ क्ष ‘ वर्ण का प्रयोग होता है ।
- तत्सम शब्दों में ‘ श्र ‘ का प्रयोग होता है [और तद्भव शब्दों में ‘ स ‘ का प्रयोग हो जाता है।]
- तत्सम शब्दों में ‘ श ‘ का प्रयोग होता है [और तद्भव शब्दों में ‘ स ‘ का प्रयोग हो जाता है।]
- तत्सम शब्दों में विसर्ग का प्रयोग मिलता है ।
- तत्सम शब्दों में ‘ ष ‘ वर्ण का प्रयोग होता है।
- तत्सम शब्दों में ‘ ऋ ‘ की मात्रा का प्रयोग होता है।
- तत्सम शब्दों में ‘ व ‘ का प्रयोग होता है [और उसके तद्भव शब्दों में ‘ ब ‘ का प्रयोग होता है।]
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तत्सम तद्भव
उज्ज्वल उजला
कर्पूर कपूर
संध्या साँझ
हस्त हाथ
अग्नि आग
अंध अंधा
अश्रु आँसू
अर्ध आधा
अक्षर अच्छर
अष्ट आठ
अमूल्य अमोल
अमृत अमीय
अक्षि आँख
ऐसे ही ढेरों शब्द हैं जिनके लिए आप व्याकरण की पुस्तक देखें .
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