आलो-आँधारि- बेबी हालदार Vitan Class 11 NCERT 3
बेबी हालदार
परिचय-
जन्म - जम्मू कश्मीर - 1974 ई. में ।
विवाह -तेरह वर्ष की आयु में
शिक्षा -सातवीं कक्षा में छोड़ दी ।
पति के घर से पलायन - 12-13 वर्षों के बाद , तीन बच्चों सहित फरीदाबादमें आई.
वर्तमान में - गुड़गाँव में ( घरेलू नौकरानी के रूप में काम ।
एकमात्र रचना[ मूल रचना बांग्ला भाषा में ]-आलो-आँधारि।
प्रमुख पात्र = बेबी/ आत्मकथात्मक शैली
अन्य पात्र -सुनील,तातुश,शर्मीला
पाठ से मिली जानकारी -
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बेबी हालदार
परिचय-
जन्म - जम्मू कश्मीर - 1974 ई. में ।
विवाह -तेरह वर्ष की आयु में
शिक्षा -सातवीं कक्षा में छोड़ दी ।
पति के घर से पलायन - 12-13 वर्षों के बाद , तीन बच्चों सहित फरीदाबादमें आई.
वर्तमान में - गुड़गाँव में ( घरेलू नौकरानी के रूप में काम ।
एकमात्र रचना[ मूल रचना बांग्ला भाषा में ]-आलो-आँधारि।
प्रमुख पात्र = बेबी/ आत्मकथात्मक शैली
अन्य पात्र -सुनील,तातुश,शर्मीला
पाठ से मिली जानकारी -
- समाज की यह सच्चाई उजागर होती है कि पुरुष के बिना स्त्री का कोई अस्तित्व नहीं.
- रिश्तों का संबंध दिल से होता है, अन्यथा रिश्ते पराये होते हैं।दिल में स्नेह हो तो रिश्ते बन जाते हैं।
- आर्थिक संकटों के कारण समस्याएँ-गन्दी बस्तियों में रहने पर मजबूर ,अपूर्ण भोजन व दवाइयों के अभाव में बीमार ,कम उम्र में काम करना ,बच्चों का अशिक्षित रहना ।
- परिस्थितियाँ कितनी ही कठिन क्यों न हों, मनुष्य इच्छाशक्ति से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
- पाठ ऐसे ही कई सामाजिक विषयों पर ध्यान खींचता है .
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